Karva Chauth 2019 : जानिए सुहागिन महिलाएं क्यों रखती है निर्जला व्रत

खबरें अभी तक। हमारा देश परंपराओं और मान्यताओं वाला देश है और इन्ही से जुड़ा है करवा चौथ का त्योहार. करवा चौथ हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है औऱ सुहागिन महिलाओं के लिए विषेश महत्व रखता है. इस दिन पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं बिना खाए पिए दिनभर भूखे रह कर तपस्या करती हैं.

करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है. मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से पति की आयु लंबी होती है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. सुहागिन महिलाओं के अलावा कुंवारी लड़कियां भी इस व्रत को रखती है.  कहते हैं कि अगर पूरे विधि-विधान से इस व्रत को रखा जाए तो मनवांछित जीवन साथी मिलता है.

करवा चौथ के दिन महिलाएं दिन भर निर्जला व्रत रखती हैं और रात में चांद को अर्ध्य देने के बाद पति के हाथों पानी पीकर अपना उपवास खोलती हैं… निर्जला रहने के अलावा भी करवा चौथ के व्रत के कई नियम हैं.

क्रोध पर काबू रखें

वैसे तो किसी भी व्रत के कुछ आधारभूत नियम होते हैं, जैसे कि क्रोध न करना, किसी की बुराई न करना, मुख से अपशब्द न निकालना. ठीक इसी तरह करवा चौथ के व्रत के दिन भी यह नियम लागू होता है. अगर आप व्रत कर रही हैं तो अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखें. कहते हैं कि अगर इस दिन क्रोध किया जाए तो व्रत का पूरा फल नहीं मिलता.

सरगी से करें शुरुआत

व्रत की शुरुआत सरगी खाकर करें. सरगी सूर्योदय से पहले खानी चाहिए. जिस वक्त आप सरगी खाएं उस वक्त दक्षिण पूर्व दिशा की ओर मुख कर के ही बैठें.

दिनभर रखें निर्जला व्रत

करवा चौथ पर दिन भर निर्जला व्रत रखा जाता है. यानी कि अन्न-जल के अलावा पानी पीने की भी मनाही होती है. सुहागिन महिलाएं चांद को अर्ध्य देने के बाद पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोलती हैं.

तारों के दर्शन के बाद जल ग्रहण

कुंवारी लड़कियां तारों के दर्शन करने के बाद पानी पी सकती हैं. वैसे तो गर्भवती और बीमार महिलाओं को करवा चौथ का व्रत नहीं करना चाहिए. लेकिन कई गर्भवती महिलाएं फलाहार करके और पानी पीकर भी यह व्रत कर सकती हैं.

लाल-हरे रंग का कपड़ा पहनें

करवा चौथ के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं… इस दिन सुहाग के रंग जैसे कि लाल, पीले और हरे रंग की साड़ी, सलवार सूट और लहंगे का सबसे ज्यादा चलन है… इस दिन काले और सफेद कपड़े पहनने से बचना चाहिए.

चांद को अर्ध्य देना शुभ

करवा चौथ के व्रत के दिन चांद को अर्ध्य देना बेहद जरूरी और शुभ माना गया है… इस दिन महिलाएं सबसे पहले छलनी के नीचे दीपक रखती हैं. इसके बाद छलनी से पहले चांद को और फिर पति को देखती हैं. इसके बाद चांद को अर्ध्य दिया जाता है. आखिर में महिलाएं पति के हाथ से पानी पीकर और मिठाई खाकर अपना व्रत खोलती हैं.

पति के साथ करें भोजन

इसके बाद भगवान को भोग लगाएं और फिर पति के साथ बैठकर भोजन करें… साथ ही यह पति-पत्नी दोनों के लिए जरूरी है कि वे सिर्फ करवा चौथ के दिन ही नहीं बल्कि हमेशा एक-दूसरे का सम्मान करें ताकि उनका रिश्ता हमेशा प्यार की डोर से बंधा रहे.

वैसे तो ये पूरा महीना त्योहारों से सराबोर है. दशहरा से लेकर दीवाली तक लोगों में खासा उत्साह बना रहता है लेकिन इन सबके बीच करवा चौथ के व्रक की अपनी ही विशेष भूमिका होती है. जहां दिनभर उपवास रख कर महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना करती है तो वहीं पुरुष भी अपनी पत्नी का व्रत खुलवाते समय उन्हे विशेष उपहार देकर प्रसन्न करते हैं.