कॉलेज प्रबंधन ने बंद किए गेट, मेडिकल छात्रों ने कॉलेज के बाहर सड़कों पर बिताई रात

ख़बरें अभी तक। झज्जर: कॉलेज में सुविधाएं न होने का आरोप लगाकर पिछले काफी लंबे समय से प्रबन्धन के खिलाफ मोर्चा खोल कर बैठे मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं को बीती पूरी रात कॉलेज के बाहर सड़को पर बितानी पड़ी। काफी संख्या में छात्र व छात्राएं कॉलेज के मुख्य गेट पर अन्दर घुसने के लिए कॉलेज प्रबन्धन के सामने गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन गेट पर मौजूद कॉलेज प्रबन्धन के सदस्यों का मन कतई नहीं पसीजा, जिसकी वजह से इन छात्र-छात्राओं ने कॉलेज के मुख्य गेट के बाहर ही सड़क पर गद्दें डालकर पूरी रात बितानी पड़ी। पूरी रात इन छात्रों के फोन जन-प्रतिनिधियों, पुलिस प्रशासन व अन्य अधिकारियों के यहां घनघनाते रहे लेकिन कोई भी अधिकारी इन छात्रों के बीच नहीं पहुंचा। खानापूर्ति के नाम पर पुलिस की एक पीसीआर जरूर रात्रि में ही मौके पर पहुंची।

लेकिन पीसीआर पर तैनात पुलिस कर्मचारी भी मामले को बगैर सुलझाए ही वापिस लौट आए। सोमवार को सुबह इन छात्र-छात्राओं के अभिभावक मौके पर पहुंचे और उन्होंने भी कॉलेज प्रबन्धन से इस बारे में बातचीत करनी चाही, लेकिन जब कॉलेज प्रबन्धन की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो वह भी इन छात्रों के साथ ही कॉलेज के गेट के बाहर ही धरने पर बैठ गए और उन्होंने भी धूप में इन आंदोलनकारी छात्र-छात्राओं के बीच पसीना बहाया।

बाद में मामला गंभीर होता देख डीएसपी नरेश कुमार भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। लेकिन वह स्थिति को नियंत्रित करते जरूर नजर आए,परन्तु कॉलेज प्रबन्धन के साथ बातचीत करने की बजाय वह भी केवल मूकदर्शक ही बने रहे। मामला संज्ञान में आने के बाद झज्जर की विधायक व पूर्व शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्री गीता भुक्कल मौके पर पहुंची और कॉलेज के बाहर धरने पर बैठे छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों से पूरे मामले की जानकारी हासिल की।

कॉलेज छात्र-छात्राओं ने विधायक भुक्कल को बताया कि उन्होंने न सिर्फ वर्ष 2019-20 तक की फीस जमा कराई हुई है बल्कि मैस व अन्य सुविधाओं की भी फीस कॉलेज प्रबन्धन को दी हुई है। इन छात्रों में से कुछ ने अपनी फीस जमा कराने की रसीदे भी विधायक को दिखाई। मामला काफी गंभीर है। कॉलेज के काफी छात्र व छात्राएं पिछले काफी दिनों से न्याय के लिए धरना-प्रदर्शन कर रहे है। न तो प्रशासन और न ही सरकार इस मामले में कोई हस्तक्षेप कर रही है जोकि न्यायसंगत नहीं है।

वहीं छात्राओं ने इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से बातचीत की तो उन्हें स्वास्थ्य मंत्री से मामले में आश्वासन भी मिला था। लेकिन कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है जोकि गलत है। वहीं कॉलेज प्रंबधन ने कहा कि छात्र-छात्राओं द्वारा कॉलेज प्रबन्धन पर जो आरोप लगाए जा रहे है वह सभी गलत है। छात्रों ने पिछले काफी समय से अपनी फीस जमा नहीं कराई है। पिछले दिनों इन्हीं में से एक छात्र को कॉलेज परिसर में शराब पीते हुए पकड़ा गया था।

दो दिन पूर्व इन्हीं छात्रों ने कॉलेज में लगे सीसीटीवी कैमरे तोड़ डाले। फीस समय पर जमा यह लोग नहीं कराते। अनुशासन में रहना इनकी दिनचर्या में शुमार नहीं है। यह ठीक है कि कुछ छात्रों ने फीस जमा करा रखी है। लेकिन वह भी अनुशासन में नहीं रहना चाहते और कॉलेज विरोधी गतिविधियों में शामिल है। मैनेजमैंट बात करने का प्रयास भी कर चुकी है। परन्तु छात्रों की जिद्द है कि उन्हें किसी ओर कॉलेज में शिफ्ट किया जाए। जोकि संभव नहीं है।