वित्त मंत्री के बजट भाषण के दौरान लोगों के रिएक्शन पर अधिकारियों, विशेषज्ञों ने रखी नजर

खबरें अभी तक।वित्त मंत्री अरुण जेटली जब गुरुवार को लोकसभा में मोदी सरकार का पांचवां बजट पेश कर रहे थे, संसद के पास स्थित शास्त्री भवन के एक कमरे में कई अधिकारी और एक्सपर्ट रियल टाइम में बजट के असर और प्रतिक्रिया पर नजर रखे हुए थे. बजट के हर प्रस्ताव और वादे का आकलन किया जा रहा था. इस टीम में कई आईआईटी इंजीनियर भी थे, अपने लैपटॉप और कमरे में लगे कई मॉनिटर के साथ मुस्तैद.  हर घोषणा के साथ ही विभिन्न प्लेटफॉर्म पर लोगों की प्रतिक्रिया पर नजर रखी जा रही थी.

आंकड़े काफी तेजी से और रियल टाइम में आ रहे थे. कई स्क्रीन पर लाल, हरे और भूरे गोलों के साथ कर्व दिख रहे थे. कभी लाल धब्बा चमक उठता था तो कभी हरा. हरे गोले की चमक का मतलब था कि वित्त मंत्री के भाषण पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है, जबकि लाल का मतलब था नकारात्मक. भूरे गोले का मतलब था कि इस पर लोगों की प्रतिक्रिया न्यूट्रल है.

सोशल मीडिया से मिली मदद

डाटा एनालिस्टक्स विशेषज्ञों की इस टीम के एक सदस्य ने बताया, ‘ हमने ओपन डाटा प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, ट्विटर, ब्लॉग, लेखों और तमाम वेबपेज पर कमेंट पर निगरानी रखने के लिए इस यूनिट का गठन किया था. कुछ नियम निर्धारित किए गए थे ताकि बजट की सेक्टरवार घोषणाओं के बारे में प्रतिक्रिया को हासिल कर वर्गीकृत और डोनट चार्ट्स के द्वारा प्रदर्श‍ित किया जा सके.’ ट्विटर जैसे सोशल साइट्स से यह निगरानी रखने में काफी आसानी हुई, क्योंकि इसमें विभिन्न सेक्टर के शीर्ष के लोगों की राय आती है और उस पर नजर रखी जा सकती है.

टैक्स स्लैब में बदलाव न करने की आलोचना

टीम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि जब वित्त मंत्री ने डेढ़ गुना एमएसपी स्कीम में कई नई फसलों को शामिल करने की बात कही तो गोलों का निशान हरा हो गया. लेकिन जल्दी ही गोले फिर लाल हो गए. सबसे अच्छी प्रतिक्रिया मिली नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन की आयुष्मान योजना को. इस प्रस्ताव के दौरान बड़ी संख्या में गोले हरे दिखने लगे. टैक्स स्लैब में बदलाव न करने की घोषणा पर काफी लाल प्रतिक्रिया मिली. इसी प्रकार सांसदों के वेतन बढ़ाने की नई योजना पर भी काफी नकारात्मक प्रतिक्रिया मिली.

बजट के खिलाफ महौल बनाने में AAP सबसे आगे

सबसे ज्यादा प्रतिक्रिया दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात से आई और इस मामले में महाराष्ट्र टॉप पर रहा. निगरानी से पता चला कि बजट पर बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने में सबसे ज्यादा सक्रिय आम आदमी पार्टी के लोग रहे.

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस विश्लेषण के पीछे यह अध्ययन करने की सोच थी कि किसी बजट प्रस्ताव पर कौन, किस तरह की प्रतिक्रिया कर रहा है, कौन लोग इच्छ‍ित धारणा बना रहे हैं और ये प्रस्ताव लक्ष‍ित वर्ग तक पहुंच रहे हैं या नहीं.

जिन लोगों की प्रतिक्रियाओं पर नजर रखी गई उनमें बजट से सीधे लाभ हासिल करने वाला वर्ग, उद्योगपति , व्यापारी, टिप्पणीकार, विशेषज्ञ, ब्लॉगर पत्रकार, सामाजिक मंचों पर असर रखने वाले लोग शामिल थे.