बजट से देश को क्या उम्मिदें

खबरें अभी तक।वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को पांचवां और मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट पेश किया. इस बजट से उन्होंने संदेश दे दिया कि नरेंद्र मोदी सरकार इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए तैयार है.

 

ज़ाहिर तौर पर राजनीतिक विश्लेषकों की भी राय है कि इस बजट ने ऐसे संदेश दिए हैं कि लोकसभा चुनाव इस साल के आख़िर तक हो सकते हैं.

 

इस बजट में यह अनुमान लगाया जा रहा था कि वित्त मंत्री अरुण जेटली कृषि क्षेत्र के लिए कुछ करेंगे क्योंकि देश के अधिकतर लोग इसी क्षेत्र पर निर्भर हैं. इस साल कृषि क्षेत्र में 0.91 फ़ीसदी (सकल मूल्य योग) की वृद्धि आने की उम्मीद है.

 

भारत सरकार किसानों से धान और गेहूं सीधे न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर ख़रीदती है. अधिकतर किसान इसका सीधे फ़ायदा नहीं ले पाते हैं क्योंकि पूरे देश में सरकारी ख़रीद केंद्रों की सीमित पहुंच है.

 

वित्त मंत्री ने अब वादा किया है कि दूसरी फसलें भी एमएसपी पर ख़रीदी जाएंगी या फ़िर किसान अगर एमएसपी पर अपनी फसल बेचने में असफल रहे तो किसानों को मुआवज़ा भी दिया जाएगा.