देशभर में गणपति बप्पा का आज विसर्जन, लोग मना रहे हैं इको-फ्रेंडली गणेशोत्सव

खबरें अभी तक । हिन्दू धर्म में भगवान गणेश का विशेष स्थान है. कोई भी पूजा, हवन या मांगलिक कार्य उनकी स्तुति के बिना अधूरा है. हिन्दुओं में गणेश वंदना के साथ ही किसी नए काम की शुरुआत होती है. यही वजह है कि गणेश चतुर्थी यानी कि भगवान गणेश के जन्म दिवस को देश भर में पूरे विधि-विधान और उत्साह के साथ मनाया जाता है. भगवान गणेश का जन्म उत्संव पूरे 10 दिन तक मनाया जाता है और 11वें दिन उन्हें गाजे-बाजे, धूम-धड़ाके के साथ विदा कर विसर्जित किया जाता है.

गणेश चतुर्थी के दिन गणपति की स्थाजपना के बाद 10 दिनों तक उनकी खूब सेवा की जाती है. उन्हें कई प्रकार के व्यंजन, फल और फूल अर्पित किए जाते हैं. साथ ही 10 दिन तक लगातार हर दिन उनके मनपसंद मोदकों का भोग लगाया जाता है. 10 दिन के बाद 11वें दिन यानी कि अनंत चर्तुदशी को बप्पा को गाजे-बाजे के साथ विदा किया जाता है. कहते हैं कि गणपति को ठीक वैसे ही विदा करना चाहिए.. जैसे हम अपने किसी सगे-संबंधी या रिश्तेरदारों को यात्रा पर निकलने से पहले विदा करते हैं.

दिल्ली में गणेश उत्सव के दौरान इस बार यमुना में मूर्तियों का विसर्जन नहीं होगा. NGT के आदेश के बाद आर्टिफिशियल तालाबों में विसर्जन किया जाएगा. यमुना में मूर्ति विसर्जन को रोकने के लिए फैसला लिया गया है. विसर्जन के बाद नगर निगम मूर्तियों को जमीन में दबा देगा. प्रदूषण में कमी लाने के लिए ये फैसला लिया गया है.

गणेश चतुर्थी के लिए हर कोई अपने घर सबसे सुंदर गणेश मूर्ति लाने की इच्छा रखता है. लेकिन प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियां दिखने में तो भले ही अच्छी लगें.. लेकिन यह पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाती हैं. इसलिए सरकार ने इस बार भी लोगों से इको-फ्रेंडली गणेशोत्सव मनाने की अपील की है.