खबरें अभी तक। प्रदेश में मोटर वाहन एक्ट 2019 में कैबिनेट ने आंशिक संशोधन के साथ मंज़ूरी दे दी गई है। प्रदेश में केंद्र सरकार की बराबर जुर्माना राशि नहीं वसूली जायेगी। राज्य सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट के कई नियमों में जुर्माना राशि में 50 से 75 फीसदी तक की छूट देकर प्रदेशवासियों को राहत देने का काम किया है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के इस एक्ट का जहां देशभर में विरोध हो रहा है, वहीं भाजपा शासित राज्य भी इसे पूरे तरीके से शुरू करने से कतरा चुके हैं। ऐसे में उत्तराखंड ने भी गुजरात की तरह इस एक्ट में कई संशोधन करके प्रस्तुत किया है। ऐसे में कैबिनेट के फैसलों पर सबकी नज़र थी और बढ़ी हुई जुर्माना राशि के विरोध में कई यूनियनों ने चक्का जाम भी किया था। राज्य सरकार ने सभी मुद्दों को ध्यान में रखकर संशोधित नीति को मंज़ूरी दी है।
मोटर व्हीकल के जुर्माने में दी गयी ये राहत
– धारा 177, 178, 178 (2), 178 (3) (क), 112 के नियम में दिए गए जुर्माने को यथावत रखा है।
– धारा 7 में यानी गाड़ी के मोडिफिकेशन पर एक लाख से घटाकर 50 हज़ार किया गया।
– धारा 180 में जुर्माना को 5,000 से घटाकर 2,500 किया गया।
– धारा 182 (ख) में 10,000 जुर्माने को घटाकर 5,000 किया गया।
– अग्निशमन, एंबुलेंस को रास्ता ना देने पर 10,000 से घटाकर 5,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान।
– प्रदूषण सार्टिकिकेट ना होने पर 10 हजार की जगह पहली बार में 2500 और दूसरी बार में 5000 का जुर्माना।
– सीट बेल्ट पर एक हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान।
– वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग करते समय पहली बार में ₹1000 का चालान होगा दूसरी बार में 2000 रुपये का होगा चालान।
– ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण के लिए 10,000 की जगह 2500 का जुर्माना।
– क्षमता से अधिक सवारी ले जाने पर 200 रुपये प्रति सवारी जुर्माना वसूला जाएगा।
– गलत नंबर प्लेट लगाने पर 5000 का जुर्माना देय होगा।
– ओवर स्पीड चलने पर 2000 रुपये का किया जुर्माना।
– खतरनाक ढंग से वाहन चलाने पर 2000 रुपये का जुर्माना।
– वाहन से रेस और स्टंट करने पर 5000 रूपये का जुर्माना।