ख़बरें अभी तक। सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन में मोहर्रम के मौके पर ताजिये निकालने की परंपरा रियासतकाल से चली आ रही है. जहाँ रात को शहर के विभिन्न मोहल्लों में ताजिये निकालते हैं. वहीं दिन में सभी को एक साथ निकला जाता है और फिर उनका जामा मस्जिद के पास दफन किया जाता है. मोहम्मद ने नवासों को इराक के करबला में धर्म शहीद किया गया था. इसी याद में ये ताजिये निकाले जाते हैं. वैसे यह शिया मुस्लिम से जुड़ा है मगर नाहन में सुन्नी मुस्लिम ही इसे निकलते चले आ रहे हैं. नाहन में रात को ताजिये निकाले गए व उसमे बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया.