युवा ज्ञानवान के साथ-साथ संस्कारवान भी बने : राजनाथ सिंह

खबरें अभी तक। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि युवाओं को ज्ञानवान होने के साथ-साथ संस्कारवान भी होना पड़ेगा क्योंकि ज्ञान के साथ संस्कार की आवश्यकता पड़ती है। इन दोनों के सहयोग से भारत विश्व मे नंबर वन बनने में सक्षम होगा।

राजनाथ सिंह गाजियाबाद के एलटी सेंटर में पावन चिंतन धारा द्वारा आयोजित नेशनल यूथ सम्मिट के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे । उन्होंने कहा कि विश्व की बड़ी कंपनियों गूगल एवं माइक्रोसॉफ्ट का नेतृत्व भारतीय युवा कर रहे हैं । उनके शीर्ष संचालन मंडल में भारतीय युवा अपने ज्ञान से कंपनी को नई दिशा दे रहे हैं । लेकिन भारत को दोबारा विश्व गुरु बनने के लिए जान के साथ संस्कारवान बनने की भी जरूरत पड़ेगी। युवा शक्ति में वह ताकत है जिससे वह अपने ज्ञान और संस्कार के द्वारा संसार में अपना दबदबा हासिल कर सकता है। उन्होंने पावन चिंतन धारा द्वारा आश्रम पद्धति से युवाओं को ज्ञान देने के साथ संस्कार देने की पद्धति की सराहना की ।

उन्होंने कहा कि पावन चिंतन धारा नाम से ही स्पष्ट है कि व्यक्ति में पवित्र चिंतन की धारा बहनी चाहिए। यह सोच केवल मनुष्य में ही नहीं परिवार समाज देश के साथ-साथ समस्त सृष्टि के जड़ चेतन के लिए भी शुभ हो और यह तभी संभव है जब हम अपने युवाओं में यह संस्कार पहले से ही डालें । उन्होंने कहा कि विवेकानंद भारत के यूथ आइकॉन हैं इसकी वजह यह है कि महज 30 वर्ष की अवस्था में ही उन्होंने पहली बार भारत के सभ्यता संस्कृति को वैश्विक मंच से लोगों का परिचय कराया। विवेकानंद ने न सिर्फ भारत की सभ्यता एवं संस्कृति का परिचय कराया बल्कि उन्होंने यह दिखा भी दिया कि भारत की संस्कृति और सभ्यता में वह सभी तत्व मौजूद हैं जो पूरे विश्व का नेतृत्व कर सके।

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत पहले से ही एक आध्यात्मिक देश रहा है इसकी प्रमुख वजह है कि भारत सिर्फ अपने नागरिकों परिवार एवं समाज के बारे में ही नहीं सोचता बल्कि पूरे विश्व को एक परिवार समझता है। वासुदेव कुटुंबकम का संदेश सर्वप्रथम भारत ने ही दिया है। उन्होंने युवाओं को यह संदेश देते हुए कहा कि भारत ही एक ऐसा देश है जिसमें विश्व में इस समय सबसे बड़ी संख्या में युवा है अगर यह युवा सही दिशा में चले तो देश को एक नई गति प्रदान कर सकते हैं । उन्होंने कहा कि इसके लिए युवाओं को बड़े मन करने की आवश्यकता है क्योंकि छोटे मन वाला व्यक्ति संकोची एवं कुंठा का शिकार हो जाता है ,लेकिन बड़े मन वाला व्यक्ति न सिर्फ अपने आगे बढ़ता है बल्कि वह देश और समाज को भी आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है ।

उन्होंने कहा कि पिछले 6 दिनों से वह दक्षिण कोरिया की यात्रा पर थे वहां पर भी भारतीयों ने अपना डंका बजा रखा है । वहां पर स्टार्ट अप कार्यक्रम में भारतीय युवाओं की तारीफ वहां के लोगों ने की जबकि वहां कई देशों के युवा स्टार्टअप में हिस्सा ले रहे थे । उन्होंने पावन चिंतन धारा के प्रमुख पवन सिन्हा को युवा पीढ़ी को जागृत एवं संस्कृति प्रदान करने के लिए बधाई दी । कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित स्थानीय सांसद एवं सड़क परिवहन राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि यह देश 130 करोड़ लोगों का देश है अगर हर व्यक्ति सिर्फ एक कदम आगे चले तो वह भारत को करोड़ों कदम आगे ले जा सकता है ।

वर्तमान में युवाओं में आगे बढ़ने की ललक हमें यह संदेश दे रही है कि देश जल्द ही काफी तरक्की करेगा । पावन चिंतन धारा के इस प्रयास की उन्होंने तारीफ की कि यह संस्था बच्चों को आश्रम व्यवस्था में डालकर आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रही है ।