पारम्परिक दलाश मेले का हुआ समापन, दिखी प्राचीन संस्कृति की झलक

ख़बरें अभी तक।  आनी क़े दलाश का ऐतिहासिक व प्राचीन ऋषि पंचमी मेला शनिवार को देवी-देवताओं की विदाई के साथ समपन्न हो गया।दो दिन तक चले इस मेले में प्राचीन देवीय संस्कृति की अनेक झलकियां देखने को मिली। मेले के अंतिम दिन देवताओं के रथ शिव मंदिर दलाश से मेला स्थल तक पहुंचााया गया। दिन भर मेले में नाटियों का दौर चलता रहा, मेले में पारंपरिक कुल्लू की नाटी का लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया।
दूरदराज से आए व्यापारियों ने भी यहां जमकर कारोबार किया। दूसरे व अंतिम दिन जैसे ही आराध्य देवता जगेश्वर महादेव,खोडू देवता, कुईकंडा नाग देवता, परशुराम देवता ओलवा ने मेला मैदान में शिरकत की तो हजारों की संख्या में उपस्थित भीड़ का नजारा देखने लायक था। चारों देवताओं का देव नृत्य हुआ। बाद में क्षेत्र से आऐ हजारों लोगों ने मेला मैदान में एक भव्य नाटी का भी आयोजन किया। दशकों ने भी इस नाटी का खूब लुप्त उठाया। मेले के अंतिम दिन चारों देवताओं की विधिवत विदाई हुई और क्षेत्र की सुख समृद्धि का आशीर्वाद मांगा गया।