ख़बरें अभी तक। ट्रैफिक जाम अब लोगों के लिए परेशानी के साथ-साथ तनाव और बिमारी का कारण भी बन रहा है। ‘एज ऑफ रेज’ नाम से सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है कि हमारे बढ़ते तनाव के पीछे मुख्य वजह ट्रैफिक है।
टाटा साल्ट लाइट की तरफ से 10 महानगरों में किए गए सर्वे में खुलासा हुआ कि 56 फीसदी भारतीयों ने माना है कि ट्रैफिक जाम के चलते ऑफिस पहुंचने में हो रही देरी के कारण वे ‘रोड रेज’ के लिए मजबूर हो रहे हैं। वहीं वे ट्रैफिक पुलिस और दूसरे ड्राइवरों से भी झगड़ा करने से नहीं चूकते। 20 फीसदी भारतीयों ने माना है कि ट्रैफिक ही उनके गुस्से और तनाव का मुख्य कारण है। वहीं भारत की 89 फीसदी आबादी मानती है कि वे तनाव और चिंता से पीड़ित हैं।
सर्वे के मुताबिक ड्राइविंग की वजह से होने वाले तनाव से लोग कई गंभीर बिमारियों के शिकार हो रहे हैं। इससे लोगों में निराशा बढ़ रही है, वहीं लोग पहले से ज्यादा चिड़चिड़े, डायबिटीज और ह्दय रोग के शिकार हो रहे हैं। मुंबई के सूचक अस्पताल के जनरल फिजिशियन डॉ. जयेश लेले ने बताया लोगों में हाई ब्लडप्रेशर का एक कारण ट्रैफिक भी है, इससे शरीर में मेलाटोनिन की मात्रा बढ़ने लगती है और ट्रैफिक में फंसे रहने की वजह से क्लौस्ट्रोफोबिया होता है, जिससे लोग तनाव और गुस्से का शिकार हो जाते हैं।